एक छोटी सी बात
" रात गई बात गई ", कितनी छोटी सी कहावत है, जिसे हम बचपन से सुनते आए हैं।
छोटे थे तब ये सबसे पहले याद रहता था परंतु बड़े होते होते ये सब कहाँ खो जाता है ?
हमारी सारी समस्याओं का हल सिर्फ़ एक छोटे से वाक्य में मिल जाता है।
हम किसी की भी गलती को आसानी से भूल सकते है और किसी से नाराज़गी को भी।
यह छोटी सी बात हमें सिखाती है कि जब वह समय निकल चुका है तो उस बात को आगे लेके रखने से क्या फ़ायदा ?
वर्तमान क्यों व्यर्थ किया जाए ?
जो हमारे पास पल है वो आज है अभी है, उसे क्यों ना सार्थक बनाया जाए।
दिल से पुराने गिले शिकवे मिटाके, खुद को अपनाके, आज में जिया जाए।
हाँ, खुद को अपनाके!
खुद को माफ़ करना भी उतना ही आवश्यक है, जितना की दूसरों की ग़लतियों को माफ़ करना।
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