वो रात...
यूँ तो पहले भी रातें ख़ूबसूरत थी पर वो रात कुछ ज़्यादा ही हसीन थी।
समुद्र की लहरें पहले भी देखी थी, पर वो सन्नाटा और लहरों की आवाज़ पहले तो नहीं थी।
पहले लहरों को बैठके तांका है पर वो खुद को पा लेने वाली ख़ामोशी पहले तो नहीं थी।
चाँद तो हमेशा से ही ख़ूबसूरत रहा है, पर उसकी चाँदनी समुद्र पर यूँ पहले तो ना गिरी थी।
यूँ तो चाँद को तांकते हुए घंटो बीत जाते हैं, पर समंदर पर गिरती हुई रोशनी पहले तो नहीं थी।
कुछ लोग कहते है, ख़ुश रहने के लिए ये करना चाहिए, पर बिना कुछ करे उस ठहराव में ख़ुशी पहले तो महसूस नहीं थी।
मदिरा का नशा क्या है उसके सामने, वो रात का नशा कम ना था।
Nice Di😍
ReplyDeleteThank you 😊
DeleteSuch a beautiful thoughts.. Very nice
ReplyDeleteThank you so much 😊
DeleteLet every night be such beautiful ����
ReplyDeleteYep 😊
Deleteबहुत ही सुन्दर पंक्ति है! क्या खूब लिखा है
ReplyDeleteधन्यवाद 😊
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